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समाज के जीवित, श्वसित वन में, शिक्षक ही वह पेड़ हैं जो कि विद्या के फल बनाते हैं |
इन विद्या के वाहनों की मज़बूत जड़ें बनने को उचित पालन - पोषण की आवश्यकता है,
यानि कि पढाई के प्रभावी तरीकों के लिए ज़रूरी ज्ञान, कौशल व अभिवृत्ति |
हम 21वीं सदी के शिक्षकों के लिए ऐसी ही उपजाऊ ज़मीन बनाते हैं |
हमारे कार्यक्रम :
अश्वत्थ के अंतर्गत हम यह कार्य कर रहे हैं -
* शिक्षकों का नेतृत्व बढ़ने के लिए शिक्षक अनुशिक्षण (कोचिंग) कार्यक्रम
* शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर प्री-सर्विस शिक्षकों के लिए नयी शिक्षा प्रणाली सीखने के अवसर
* प्री-सर्विस व इन-सर्विस शिक्षकों के बीच बातचीत व सहयोग बढ़ाने के लिए शिक्षक चौपाल
यदि आप भी हमारी तरह शिक्षकों की भूमिका को महत्त्वपूर्ण मानते हैं, तो हमसे जुड़ें !
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